विदेशों की तर्ज पर अब देश में भी ईको-टूरिज्म पर जोर दिया जा रहा है। भीड़भाड़ वाले इलाकों में ट्रैफिक का बोझ कम करने और पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए ई-बाइक (साइकिल) का कल्चर बढ़ता जा रहा है। राजस्थान में अब गोवा बेस्ड एक कंपनी बी-लाइव पर्यटन स्थलों को प्रदूषण मुक्त रखने और ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इलेक्ट्रिकल साइकिल किराए पर देगी।
इसकी शुरुआत जयपुर से हा़े चुकी है और पहले चरण में यानी सूर्यनगरी में यह सुविधा अगले सप्ताह से प्रारंभ हो जाएगी। देशी-विदेशी सैलानी अब मोबाइल एप के जरिए ई-साइकिल बुक करवा सकेंगे। बी-लाइव का मकसद है पॉल्यूशन फ्री पर्यटक स्थल हो। इसके लिए सैलानियों को फिलहाल जयपुर और जोधपुर में किराए पर ई-बाइक दी जाएगी। साथ में एक कैप्टन भी होगा यह पर्यटकों को अच्छी जगह, ऐतिहासिक स्थल, गलियां, आर्किटेक्ट, पुराने व्यापार और खाने-पीने की दुकानों तक लेकर जाएगा।
इस पूरे एडवेंचर के लिए ढाई घंटे की राइड हाेगी। इसके लिए दो हजार रुपए लिए जाएंगे। इसमें पर्यटकों को नाश्ता, स्नैक्स, एंट्री फीस और पार्किंग शुल्क भी शामिल होगा। राजस्थान में हर साल 6 करोड़ से अधिक देशी-विदेशी सैलानी आते हैं। बी-लाइव स्थाई पर्यटन प्रथा को प्रोत्साहित करेगा और इस प्रकार पर्यटकों के कार्बन-फुटप्रिंट को कम करेगा।
सीकर में स्मार्ट कॉलेज : कॉलेज में जो भी पढ़ाई हुई, उसे घर बैठकर देख सकेंगे छात्र
सीकर (अरविन्द शर्मा). राजकीय साइंस कॉलेज प्रदेश का पहला कॉलेज बन गया है, जहां अब स्मार्ट पढ़ाई कराई जा रही है। इंट्रेक्टिव फ्लैट पैनल के जरिए अब बड़ी एलईडी स्क्रीन पर पढ़ाई हो रही है। इसके जरिए स्टूडेंट्स को वीडियो व पीपीटी के जरिए भी किसी भी टॉपिक को आसान भाषा में समझा सकते हैं।
यह एलईडी बोर्ड का काम भी करती है। इस पर करीब 3.50 लाख रुपए का खर्च आया है। खास बात यह है कि कॉलेज के स्टूडेंट्स ने अगर क्लास मिस कर दी तो भी उसे परेशान होने की जरुरत नहीं है। वह यूजर नेम व पासवर्ड के जरिए कही पर भी बैठकर पढ़ाए गए टॉपिक को डाउनलोड कर सकता है।
प्रोफेसर जो भी क्लास लेते हैं, वह इस पर सेव हो जाता है। जिसे स्टूडेंट्स कभी भी देख सकते हैं। अभी हर दिन पांच क्लास हो रही है। प्राचार्य डॉ. केसी अग्रवाल बताते हैं कि आईआईटी के वीडियो यूट्यूब पर मिल जाते हैं। स्टूडेंट्स को क्लास व रो-मैटेरियल भी मिल जाता है। इन्हीं वीडियो को देखकर यह आइडिया आया।
गंगानगर में हाईटेक सुरक्षा: बॉर्डर की निगहबानी सीसीटीवी से होगी
श्रीगंगानगर. अंतरराष्ट्रीय सीमाववर्ती क्षेत्र की ग्राम पंचायत मिर्जेवाला संभवतया जिले की पहली ग्राम पंचायत है जिसने सुरक्षा के दृष्टिगत सीसीटीवी कैमरे लगवा दिए हैं। हाल ही इन कैमराें काे सरपंच लालचंद मिर्जेवाला ने शुरू करवाया है। कैमरे लगाने के बाद अब श्रीगंगानगर से केसरीसिंहपुर वश्रीकरणपुर काे जाने वाली सड़क तीसरी आंख की निगरानी में आ गई है।
इन कैमराें का महत्व इसलिए और बढ़ जाता है क्याेंकि यह गांव पाकिस्तान बाॅर्डर के निकट है। बाॅर्डर काे जाने वाले कई रास्ते इस गांव से हाेकर निकलते हैं। अगर काेई संदिग्ध बाॅर्डर एरिया की ओर जाए ताे इस गांव के अंदर से हाेकर निकलना पड़ता है। इन कैमरा से अब न केवल गांव की बेटियाें की सुरक्षा बढ़ गई है बल्कि संदिग्धाें पर भी नजर रखी जाने लगी है।
निगरानी पंचायत मुख्यालय भवन में हाे रही है। प्रत्येक दिन का डेटा सुरक्षित हाे रहा है। डिवाइस में तीन माह तक का डेटा सेव होगा। मटीली राठान एसएचओ राकेश स्वामी ने बताया कि यह कदम समय की जरूरत है।